सुमित्रदत्त: Difference between revisions
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<p> पदमखण्डनगर का एक वणिक् । लौटने पर श्रीभूति ने इसे ठगना चाहा किन्तु प्रार्थना करने पर रानी रामदत्ता ने युक्तिपूर्वक इसके रत्न इसे दिलवा दिये थे । यह रानी का पुत्र होने का निदान बाँधकर मरा था जिसके यह रानी रामदत्ता का सिंहचन्द्र नाम का पुत्र हुआ । हरिवंशपुराण 27.20-46, 64 देखें [[ श्रीभूति ]]</p> | <p> पदमखण्डनगर का एक वणिक् । लौटने पर श्रीभूति ने इसे ठगना चाहा किन्तु प्रार्थना करने पर रानी रामदत्ता ने युक्तिपूर्वक इसके रत्न इसे दिलवा दिये थे । यह रानी का पुत्र होने का निदान बाँधकर मरा था जिसके यह रानी रामदत्ता का सिंहचन्द्र नाम का पुत्र हुआ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.20-46, 64 </span>देखें [[ श्रीभूति ]]</p> | ||
Revision as of 21:49, 5 July 2020
पदमखण्डनगर का एक वणिक् । लौटने पर श्रीभूति ने इसे ठगना चाहा किन्तु प्रार्थना करने पर रानी रामदत्ता ने युक्तिपूर्वक इसके रत्न इसे दिलवा दिये थे । यह रानी का पुत्र होने का निदान बाँधकर मरा था जिसके यह रानी रामदत्ता का सिंहचन्द्र नाम का पुत्र हुआ । हरिवंशपुराण 27.20-46, 64 देखें श्रीभूति