सूतक-पातक: Difference between revisions
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
जन्म-मरण के समय की अशुद्धि । रजस्वला स्त्री चौथे दिन स्नान करने के पश्चात् शुद्ध मानी गयी है इसी प्रकार प्रसूति में बालक को बाहर निकालने के लिए दूसरा, तीसरा और चौथा मास शुद्ध काल बताया गया है । महापुराण 38.70, 90-91