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<p> | <p>2. <span class="SanskritText">न्या.वि./वृ./1/20/217/26 असंचार: असंप्रतिपत्ति:।</span> = <span class="HindiText">असंचार अर्थात् प्रतिपति यानी निश्चय का न होना।</span></p> | ||
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
1. एक अक्ष या भंग को अनेक भंगनि विषै क्रम से पलटना। - देखें गणित - II.3।
2. न्या.वि./वृ./1/20/217/26 असंचार: असंप्रतिपत्ति:। = असंचार अर्थात् प्रतिपति यानी निश्चय का न होना।