संभिन्नमति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText">म.पु./सर्ग/श्लोक महाबल (ऋषभदेव का पूर्व का नवमा भव) राजा का एक मिथ्यादृष्टि मन्त्री था ( | == सिद्धांतकोष से == | ||
<span class="HindiText">म.पु./सर्ग/श्लोक महाबल (ऋषभदेव का पूर्व का नवमा भव) राजा का एक मिथ्यादृष्टि मन्त्री था (4/191)। इसने राजसभा में नास्तित्व मत की सिद्धि की थी (5/37-38)। अन्त में मरकर निगोद गया (10/7)।</span> | |||
<noinclude> | |||
[[संभिन्न श्रोतृत्व ऋद्धि | | [[ संभिन्न श्रोतृत्व ऋद्धि | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:स]] | [[ संभिन्नश्रोतृ | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: स]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p id="1"> (1) रावण का एक मंत्री विभीषण ने इससे विचार-विमर्श किया था । <span class="GRef"> महापुराण 46.196-197 </span></p> | |||
<p id="2">(2) तीर्थंकर वृषभदेव के नौवे पूर्वभव का जीव― विजयार्ध पर्वत की अलकापुरी के राजा महाबल का मंत्री । यह मिथ्यात्वी होकर भी स्वामी का हितैषी था । इसने राजसभा में नास्तिक मत की सिद्धि की थी । अन्त में यह मरकर निगोद में उत्पन्न हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 4.191-192, 5. 37-38, 10.7 </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ संभिन्न श्रोतृत्व ऋद्धि | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ संभिन्नश्रोतृ | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: स]] |
Revision as of 21:49, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == म.पु./सर्ग/श्लोक महाबल (ऋषभदेव का पूर्व का नवमा भव) राजा का एक मिथ्यादृष्टि मन्त्री था (4/191)। इसने राजसभा में नास्तित्व मत की सिद्धि की थी (5/37-38)। अन्त में मरकर निगोद गया (10/7)।
पुराणकोष से
(1) रावण का एक मंत्री विभीषण ने इससे विचार-विमर्श किया था । महापुराण 46.196-197
(2) तीर्थंकर वृषभदेव के नौवे पूर्वभव का जीव― विजयार्ध पर्वत की अलकापुरी के राजा महाबल का मंत्री । यह मिथ्यात्वी होकर भी स्वामी का हितैषी था । इसने राजसभा में नास्तिक मत की सिद्धि की थी । अन्त में यह मरकर निगोद में उत्पन्न हुआ । महापुराण 4.191-192, 5. 37-38, 10.7