स्फटिक: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) सौधर्म युगल का अठारहवाँ पटल एवं इन्द्रक विमान । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6.46 </span>देखें [[ सौधर्म ]]</p> | |||
<p id="2">(2) प्रथम नरक के खरभाग का तेरहवां पटल । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.54 </span></p> | |||
<p id="3">(3) रुचकगिरि को उत्तरदिशा का प्रथम कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.715 </span></p> | |||
<p id="4">(4) मानुषोतर पर्वत की उत्तरदिशा का कूट-सुदर्शन देव की निवासभूमि । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.605 </span></p> | |||
<p id="5">(5) गन्धमादन पर्वत का छठा कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5-21 </span></p> | |||
<p id="6">(6) कुण्डलगिरि की उत्तरदिशा का कूट-सुन्दर देव का आवास । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.694 </span></p> | |||
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- सौधर्म स्वर्ग का 18वाँ पटल व इन्द्रक-देखें स्वर्ग - 5.3;
- गन्धमादन विजयार्ध का एक कूट-देखें लोक - 5.4;
- मानुषोत्तर पर्वतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.10;
- कुण्डपर्वतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.12;
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट-देखें लोक - 5.13।
पुराणकोष से
(1) सौधर्म युगल का अठारहवाँ पटल एवं इन्द्रक विमान । हरिवंशपुराण 6.46 देखें सौधर्म
(2) प्रथम नरक के खरभाग का तेरहवां पटल । हरिवंशपुराण 4.54
(3) रुचकगिरि को उत्तरदिशा का प्रथम कूट । हरिवंशपुराण 5.715
(4) मानुषोतर पर्वत की उत्तरदिशा का कूट-सुदर्शन देव की निवासभूमि । हरिवंशपुराण 5.605
(5) गन्धमादन पर्वत का छठा कूट । हरिवंशपुराण 5-21
(6) कुण्डलगिरि की उत्तरदिशा का कूट-सुन्दर देव का आवास । हरिवंशपुराण 5.694