घोष: Difference between revisions
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Revision as of 13:49, 10 July 2020
== सिद्धांतकोष से == ध.13/5,5,63/336/2 घोषो नाम व्रज:।=घोष का अर्थ व्रज है। म.पु./16/176 तथा घोषकरादीनामपि लक्ष्म विकल्प्यताम् ।=इसी प्रकार घोष तथा आकर आदि के लक्षणों की भी कल्पना कर लेनी चाहिए, अर्थात् जहाँ पर बहुत घोष (अहीर) रहते हैं उसे (उस ग्राम को) घोष कहते हैं।
पुराणकोष से
(1) अहीरों की बस्ती । महापुराण 16.176, हरिवंशपुराण 2.3
(2) असुरकुमार आदि दस जाति के भवनवासी देवों के बीस इन्द्रों में सत्रहवां इन्द्र । वीरवर्द्धमान चरित्र 14-54-57