अनंतनाथ: Difference between revisions
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[[महापुराण]] सर्ग संख्या ६०/श्लोक "पूर्व के तीसरे भवमें धातकी खण्ड में पूर्व मेरुसे उत्तर की ओर अरिष्ट नगर का छद्मस्थ नामक राजा था (२-३) आगे पूर्व के दूसरे भवमें पुष्पोत्तर विमान में इन्द्रपद प्राप्त किया (१२) वर्तमान भवमें चौदहवें तीर्थंकर हुए हैं। <br>(विशेष <b>देखे </b>[[तीर्थंकर]] ५)।<br>[[Category:अ]] | [[महापुराण]] सर्ग संख्या ६०/श्लोक "पूर्व के तीसरे भवमें धातकी खण्ड में पूर्व मेरुसे उत्तर की ओर अरिष्ट नगर का छद्मस्थ नामक राजा था (२-३) आगे पूर्व के दूसरे भवमें पुष्पोत्तर विमान में इन्द्रपद प्राप्त किया (१२) वर्तमान भवमें चौदहवें तीर्थंकर हुए हैं। <br> | ||
(विशेष <b>देखे </b>[[तीर्थंकर]] ५)।<br> | |||
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