अनगारधर्मामृत: Difference between revisions
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पं. आशाधरजी (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध यत्याचार विषयक एक प्रसिद्ध ग्रन्थ। इसमें ९ अध्याय तथा ९५४ श्लोक हैं। <br>([[तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा]], पृष्ठ संख्या ४/४६), (जै. १/४२६)<br>[[Category:अ]] | पं. आशाधरजी (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध यत्याचार विषयक एक प्रसिद्ध ग्रन्थ। इसमें ९ अध्याय तथा ९५४ श्लोक हैं। <br> | ||
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पं. आशाधरजी (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध यत्याचार विषयक एक प्रसिद्ध ग्रन्थ। इसमें ९ अध्याय तथा ९५४ श्लोक हैं।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/४६), (जै. १/४२६)