अनुत्तर: Difference between revisions
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[[धवला]] पुस्तक संख्या १३/५,५,५०/२८३/३ उत्तर प्रतिवचनम्, न विद्यते उत्तरं यस्य श्रुतस्य तदनुत्तरं श्रुतम्। अथवा अधिकमुत्तरम्, न विद्यते उत्तरोऽन्यसिद्धान्तः अस्मादित्यनुत्तर श्रुतम्। <br>= १. उत्तर प्रतिवचन का दूसरा नाम है, जिस श्रुत का उत्तर नहीं है वह श्रुत अनुत्तर कहलाता है। अथवा उत्तर शब्द का अर्थ अधिक है, इससे अधिक चूँकि अन्य कोई भी सिद्धान्त नहीं पाया जाता, इसलिए इस श्रुत का नाम अनुत्तर है। २. कल्पातीत स्वर्गों का एक भेद - <b>देखे </b>[[स्वर्ग]] ५/२।< | [[धवला]] पुस्तक संख्या १३/५,५,५०/२८३/३ उत्तर प्रतिवचनम्, न विद्यते उत्तरं यस्य श्रुतस्य तदनुत्तरं श्रुतम्। अथवा अधिकमुत्तरम्, न विद्यते उत्तरोऽन्यसिद्धान्तः अस्मादित्यनुत्तर श्रुतम्। <br> | ||
<p class="HindiSentence">= १. उत्तर प्रतिवचन का दूसरा नाम है, जिस श्रुत का उत्तर नहीं है वह श्रुत अनुत्तर कहलाता है। अथवा उत्तर शब्द का अर्थ अधिक है, इससे अधिक चूँकि अन्य कोई भी सिद्धान्त नहीं पाया जाता, इसलिए इस श्रुत का नाम अनुत्तर है। २. कल्पातीत स्वर्गों का एक भेद - <b>देखे </b>[[स्वर्ग]] ५/२।</p> | |||
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Revision as of 14:07, 1 May 2009
धवला पुस्तक संख्या १३/५,५,५०/२८३/३ उत्तर प्रतिवचनम्, न विद्यते उत्तरं यस्य श्रुतस्य तदनुत्तरं श्रुतम्। अथवा अधिकमुत्तरम्, न विद्यते उत्तरोऽन्यसिद्धान्तः अस्मादित्यनुत्तर श्रुतम्।
= १. उत्तर प्रतिवचन का दूसरा नाम है, जिस श्रुत का उत्तर नहीं है वह श्रुत अनुत्तर कहलाता है। अथवा उत्तर शब्द का अर्थ अधिक है, इससे अधिक चूँकि अन्य कोई भी सिद्धान्त नहीं पाया जाता, इसलिए इस श्रुत का नाम अनुत्तर है। २. कल्पातीत स्वर्गों का एक भेद - देखे स्वर्ग ५/२।