नीचैर्वृत्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
सर्वार्थसिद्धि/6/26/340/8 <span class="SanskritText">गुणोत्कृष्टेषु विनयेनावनतिर्नीचैर्वृत्ति:।</span> =<span class="HindiText">जो गुणों में उत्कृष्ट हैं उनके प्रति विनय से नम्र रहना नीचैर्वृत्ति है। </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 19:11, 17 July 2020
सर्वार्थसिद्धि/6/26/340/8 गुणोत्कृष्टेषु विनयेनावनतिर्नीचैर्वृत्ति:। =जो गुणों में उत्कृष्ट हैं उनके प्रति विनय से नम्र रहना नीचैर्वृत्ति है।