सर्व संक्रमण निर्देश: Difference between revisions
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<p class="HindiText" id="9.1"><strong>1. सर्व संक्रमण का लक्षण</strong></p> | <p class="HindiText" id="9.1"><strong>1. सर्व संक्रमण का लक्षण</strong></p> | ||
<p class="HindiText" id=""><strong>नोट</strong> - [अन्त की फाली में शेष बचे सर्व प्रदेशों का अन्य प्रकृतिरूप होना सर्व संक्रमण है। क्योंकि इसका भागाहार एक है।]</p> | <p class="HindiText" id=""><strong>नोट</strong> - [अन्त की फाली में शेष बचे सर्व प्रदेशों का अन्य प्रकृतिरूप होना सर्व संक्रमण है। क्योंकि इसका भागाहार एक है।]</p> | ||
<p><span class="SanskritText"> | <p><span class="SanskritText"> गोम्मटसार कर्मकाण्ड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/413/576/10 चरमकांडकचरमफाले: सर्वप्रदेशाग्रस्य यत्संक्रमणं तत् सर्वसंक्रमणं णाम। | ||
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Revision as of 19:16, 17 July 2020
सर्व संक्रमण निर्देश
1. सर्व संक्रमण का लक्षण
नोट - [अन्त की फाली में शेष बचे सर्व प्रदेशों का अन्य प्रकृतिरूप होना सर्व संक्रमण है। क्योंकि इसका भागाहार एक है।]
गोम्मटसार कर्मकाण्ड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/413/576/10 चरमकांडकचरमफाले: सर्वप्रदेशाग्रस्य यत्संक्रमणं तत् सर्वसंक्रमणं णाम। = अन्त के काण्डक की अन्त की फालि के सर्व प्रदेशों में से जो अन्य प्रकृतिरूप नहीं हुए हैं उन परमाणुओं का अन्यप्रकृति रूप होना वह सर्व संक्रमण है।