सुलसा: Difference between revisions
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चारण युगल की पुत्री थी। सगर चक्री ने षड्यन्त्र रचकर इसको विवाहा था। अन्त में महाकाल द्वारा रचे हिंसायज्ञ में यह होमी गयी थी। ( | चारण युगल की पुत्री थी। सगर चक्री ने षड्यन्त्र रचकर इसको विवाहा था। अन्त में महाकाल द्वारा रचे हिंसायज्ञ में यह होमी गयी थी। ( महापुराण/67/214-363 )। | ||
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Revision as of 19:16, 17 July 2020
== सिद्धांतकोष से == चारण युगल की पुत्री थी। सगर चक्री ने षड्यन्त्र रचकर इसको विवाहा था। अन्त में महाकाल द्वारा रचे हिंसायज्ञ में यह होमी गयी थी। ( महापुराण/67/214-363 )।
पुराणकोष से
भरतक्षेत्र में चारणयुगल नगर के राजा सुयोधन और रानी अतिथि की पुत्री । राजा सगर ने षड्यंत्र रचकर इसे विवाह लिया था । मधुपिंगल का इसके साथ विवाह न हो सके इसके लिए सगर ने षडयंत्र रचा । मधुपिंगल निदानपूर्वक मरकर महाकाल नामक असुर हुआ । इस असुर ने विभंगावधिज्ञान से अपने पूर्वभव की घटनाएँ स्मरण कर वैरवश सगर के वंश को निर्मूल करना चाहा था । इस असुर ने सगर के नगर में तीव्र ज्वर उत्पन्न किया था तथा यज्ञ से उसे शान्त करने की घोषणा की थी । क्षीरकदम्बक के पुत्र पर्वत को इस असुर ने अपना हितैषी बना लिया था । यज्ञ में जिन पशुओं को पर्वत होमता था उन पशुओं को विमान से इस असुर ने आकाश में जाते हुए दिखाकर ‘‘वे पशु स्वर्ग गये हैं’’ ऐसा विश्वास उत्पन्न करा दिया था और राजा सगर की आज्ञा से इसे भी यज्ञ में होम दिया था । महापुराण 67.213-254, 344-349, 354-363, हरिवंशपुराण 23. 46-146