अग्नि जीव: Difference between revisions
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• अग्नि जीवों सम्बन्धी, गुणस्थान, जीव समास, मार्गणा स्थान आदि 20 प्ररूपणाएँ – देखें [[ सत् ]]।• सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, अन्तर, भाव व अल्पबहुत्व रूप आठ प्ररूपणाएँ – देखें [[ वह वह नाम ]]।• तैजस कायिकों में वैक्रियक योग की सम्भावना – देखें [[ वैक्रियक ]]।• मार्गणा प्रकरण में भाव मार्गणा को इष्टता तथा वहाँ आय के अनुसार व्यय होने का नियम – देखें [[ मार्गणा ]]।• अग्निकायिकों में कर्मों के बन्ध उदय सत्त्व – देखें [[ वह वह नाम ]]।• अग्नि में पुद्गल के सर्व गुणों का अस्तित्व – देखें [[ पुद्गल#10 | पुद्गल - 10]]।• अग्नि जीवी कर्म - देखें [[ सावद्य#5 | सावद्य - 5]]।• अग्नि में कथंचित् त्रसपना - देखें [[ स्थावर#6 | स्थावर - 6]]।• अग्नि के कायिकादि चार भेद - देखें [[ पृथिवी ]]।• तैजसकायिक में आतप व उद्योत का अभाव - देखें [[ उदय#4 | उदय - 4]]।• सूक्ष्म अग्निकायिक जीव सर्वत्र पाये जाते हैं - देखें [[ क्षेत्र#4 | क्षेत्र - 4]]।• बादर तैजसकायिकादिक भवनवासी विमानों व आठों पृथिवियों में रहते हैं, परन्तु इन्द्रिय ग्राह्य नहीं हैं। - देखें [[ काय#2.5 | काय - 2.5]]। | |||
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Revision as of 14:15, 20 July 2020
• अग्नि जीवों सम्बन्धी, गुणस्थान, जीव समास, मार्गणा स्थान आदि 20 प्ररूपणाएँ – देखें सत् ।• सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, अन्तर, भाव व अल्पबहुत्व रूप आठ प्ररूपणाएँ – देखें वह वह नाम ।• तैजस कायिकों में वैक्रियक योग की सम्भावना – देखें वैक्रियक ।• मार्गणा प्रकरण में भाव मार्गणा को इष्टता तथा वहाँ आय के अनुसार व्यय होने का नियम – देखें मार्गणा ।• अग्निकायिकों में कर्मों के बन्ध उदय सत्त्व – देखें वह वह नाम ।• अग्नि में पुद्गल के सर्व गुणों का अस्तित्व – देखें पुद्गल - 10।• अग्नि जीवी कर्म - देखें सावद्य - 5।• अग्नि में कथंचित् त्रसपना - देखें स्थावर - 6।• अग्नि के कायिकादि चार भेद - देखें पृथिवी ।• तैजसकायिक में आतप व उद्योत का अभाव - देखें उदय - 4।• सूक्ष्म अग्निकायिक जीव सर्वत्र पाये जाते हैं - देखें क्षेत्र - 4।• बादर तैजसकायिकादिक भवनवासी विमानों व आठों पृथिवियों में रहते हैं, परन्तु इन्द्रिय ग्राह्य नहीं हैं। - देखें काय - 2.5।