गंधर्व: Difference between revisions
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<li><span class="HindiText" name="2" id="2"><strong> गन्धर्व देव का लक्षण</strong> </span><br /> | <li><span class="HindiText" name="2" id="2"><strong> गन्धर्व देव का लक्षण</strong> </span><br /> |
Revision as of 14:20, 20 July 2020
1. कुन्थुनाथ का शासक यक्ष–देखें तीर्थंकर - 5.3, पाण्डवपुराण/17/ श्लोक–अर्जुन का मित्र व शिष्य था (65-67)। वनवास के समय सहायवन में दुर्योधन को युद्ध में बाँध लिया था (102-104)।
- गंधर्व के वर्ण परिवार आदि–देखें व्यन्तर - 1.2।
- गन्धर्व देव का लक्षण
धवला 13/5,5,140/391/9 इन्द्रादीनां गायका: गन्धर्वा:।=इन्द्रादिकों के गायकों को गन्धर्व कहते हैं।
- गन्धर्व के भेद
तिलोयपण्णत्ति/6/40 हाहाहूहूणारदतुंवरवासवकदंबमहसरया। गीदरदीगीदरसा वइरवतो होंति गंधव्वा।40। हाहा, हूहू, नारद, तुम्बर, वासव, कदम्ब, महास्वर, गीतरति, गीतरस और वज्रवान् ये दस गन्धर्वों के भेद हैं। ( त्रिलोकसार/263 )।