तत्त्वार्थसार: Difference between revisions
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राजवार्तिकालंकारक के आधार पर लिखा गया यह ग्रन्थ तत्त्वार्थ का प्ररूपक है। | राजवार्तिकालंकारक के आधार पर लिखा गया यह ग्रन्थ तत्त्वार्थ का प्ररूपक है। आ.अमृतचन्द्र (ई.905-955) द्वारा संस्कृत श्लोकों में रचा गया है। इसमें 9 अधिकार और कुल 720 श्लोक हैं। | ||
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Revision as of 14:21, 20 July 2020
राजवार्तिकालंकारक के आधार पर लिखा गया यह ग्रन्थ तत्त्वार्थ का प्ररूपक है। आ.अमृतचन्द्र (ई.905-955) द्वारा संस्कृत श्लोकों में रचा गया है। इसमें 9 अधिकार और कुल 720 श्लोक हैं।