अभ्युत्थान: Difference between revisions
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Revision as of 22:37, 22 July 2020
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 262 अभिमुखगमनमभ्युत्थानम्॥
= विनयपूर्वक मुनिके सम्मुख जाना अभ्युत्थान है।
(विशेष देखें विनय )।