अंध्रकवृष्णि: Difference between revisions
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( हरिवंश पुराण सर्ग 18 श्लोक) पूर्वभव नं. 5 - ब्राह्मणपुत्र रुद्रदत्त (97-101), पूर्वभव नं. 4 - सातवें नरक का नारकी (101), पूर्वभव नं. 3 - गौतम ब्राह्मण का पुत्र (102-18), पूर्वभव नं. 2 - स्वर्ग में देव (109), वर्तमान भव - शौरपुर के राजा शूर का पुत्र (10), समुद्रविजयादि 10 पुत्र तथा कुन्ती-मद्री दो पुत्रियों का पिता एवं भगवान् नेमिनाथ का बाबा था (12-13), अन्त में पुत्रों को राज्य दे दीक्षा धारण कर ली। (177-178) | <p>( हरिवंश पुराण सर्ग 18 श्लोक) पूर्वभव नं. 5 - ब्राह्मणपुत्र रुद्रदत्त (97-101), पूर्वभव नं. 4 - सातवें नरक का नारकी (101), पूर्वभव नं. 3 - गौतम ब्राह्मण का पुत्र (102-18), पूर्वभव नं. 2 - स्वर्ग में देव (109), वर्तमान भव - शौरपुर के राजा शूर का पुत्र (10), समुद्रविजयादि 10 पुत्र तथा कुन्ती-मद्री दो पुत्रियों का पिता एवं भगवान् नेमिनाथ का बाबा था (12-13), अन्त में पुत्रों को राज्य दे दीक्षा धारण कर ली। (177-178)</p> | ||
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Revision as of 22:38, 22 July 2020
( हरिवंश पुराण सर्ग 18 श्लोक) पूर्वभव नं. 5 - ब्राह्मणपुत्र रुद्रदत्त (97-101), पूर्वभव नं. 4 - सातवें नरक का नारकी (101), पूर्वभव नं. 3 - गौतम ब्राह्मण का पुत्र (102-18), पूर्वभव नं. 2 - स्वर्ग में देव (109), वर्तमान भव - शौरपुर के राजा शूर का पुत्र (10), समुद्रविजयादि 10 पुत्र तथा कुन्ती-मद्री दो पुत्रियों का पिता एवं भगवान् नेमिनाथ का बाबा था (12-13), अन्त में पुत्रों को राज्य दे दीक्षा धारण कर ली। (177-178)