आक्रंदन: Difference between revisions
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= परितापके कारण जो आँसू गिरनेके साथ विलाप आदि होता है, उससे खुलकर रोना आक्रन्दन कहलाता है। | |||
([[राजवार्तिक | राजवार्तिक]] अध्याय संख्या ६/११/४/४१९/२६) |
Revision as of 06:37, 8 May 2009
सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ६/११/३२९ परितापजाताश्रुपातप्रचुरविप्रलापादिभिर्व्यक्तक्रन्दनमाक्रन्दम्। = परितापके कारण जो आँसू गिरनेके साथ विलाप आदि होता है, उससे खुलकर रोना आक्रन्दन कहलाता है। ( राजवार्तिक अध्याय संख्या ६/११/४/४१९/२६)