आदिनाथ शासन जयंती व्रत: Difference between revisions
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व्रत विधान सं. १०५ विधि - भगवानकी दिव्य प्रथम दिवस फाल्गुन कृ.११ को उपवास करें। मन्त्र - `ओं ह्रीं श्री वृषभाय नमः' जाप्य करें। | व्रत विधान सं. १०५ विधि - भगवानकी दिव्य प्रथम दिवस फाल्गुन कृ.११ को उपवास करें। मन्त्र - `ओं ह्रीं श्री वृषभाय नमः' जाप्य करें। |
Revision as of 08:11, 8 May 2009
व्रत विधान सं. १०५ विधि - भगवानकी दिव्य प्रथम दिवस फाल्गुन कृ.११ को उपवास करें। मन्त्र - `ओं ह्रीं श्री वृषभाय नमः' जाप्य करें।