अनुयोगद्वार: Difference between revisions
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<p> जीवतत्त्व के अन्वेषण के द्वार । ये आठ होते हैं― सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, भाव | <p> जीवतत्त्व के अन्वेषण के द्वार । ये आठ होते हैं― सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, भाव अंतर और अल्पबहुत्व । <span class="GRef"> महापुराण 24.96-98, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.108 </span></p> | ||
Revision as of 16:16, 19 August 2020
जीवतत्त्व के अन्वेषण के द्वार । ये आठ होते हैं― सत्, संख्या, क्षेत्र, स्पर्शन, काल, भाव अंतर और अल्पबहुत्व । महापुराण 24.96-98, हरिवंशपुराण 2.108