अर्चट: Difference between revisions
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Revision as of 16:17, 19 August 2020
आप एक बौद्ध नैयायिक थे। अपर नाम धर्माकरदत्त था। आप धर्मोत्तरके गुरु थे। कृतियाँ 1. हेतु बिंदु टीका; 2. क्षणभंगसिद्धि; 3. प्रमाणद्वय सिद्धि। समय-ई.श.7-8./.
( सिद्धिविनिश्चय प्रस्तावना 32/पं.महेंद्रकुमार)।