असंमोह: Difference between revisions
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<p class="SanskritText">( योगसार अमितगति| योगसार अधिकार 8/82,86) बुद्धिमक्षाश्रियां तत्र ज्ञानमार्गम पूर्वकं। तदेव सदनुष्ठानमसंमोहं विदो विदुः ॥82॥ | <p class="SanskritText">( योगसार अमितगति| योगसार अधिकार 8/82,86) बुद्धिमक्षाश्रियां तत्र ज्ञानमार्गम पूर्वकं। तदेव सदनुष्ठानमसंमोहं विदो विदुः ॥82॥ संत्यसंमोहहेतूनि कर्माण्यत्यंतशुद्धितः। निर्वाणशर्मदायी निभवातीताध्वगामिनाम् ॥86॥</p> | ||
<p class="HindiText">= | <p class="HindiText">= इंद्रियाधीन बुद्धिको जो ज्ञान आगमपूर्वक व सदनुष्ठान (आचारण) पूर्वक होता है, वह ज्ञान ही असंमोह है ॥82॥ असंमोहके हेतु अत्यंत शुद्ध वे कर्म हैं जो कि भवसे अतीत निर्वाण सुखको देनेवाले हैं ॥86॥</p> | ||
Revision as of 16:18, 19 August 2020
( योगसार अमितगति| योगसार अधिकार 8/82,86) बुद्धिमक्षाश्रियां तत्र ज्ञानमार्गम पूर्वकं। तदेव सदनुष्ठानमसंमोहं विदो विदुः ॥82॥ संत्यसंमोहहेतूनि कर्माण्यत्यंतशुद्धितः। निर्वाणशर्मदायी निभवातीताध्वगामिनाम् ॥86॥
= इंद्रियाधीन बुद्धिको जो ज्ञान आगमपूर्वक व सदनुष्ठान (आचारण) पूर्वक होता है, वह ज्ञान ही असंमोह है ॥82॥ असंमोहके हेतु अत्यंत शुद्ध वे कर्म हैं जो कि भवसे अतीत निर्वाण सुखको देनेवाले हैं ॥86॥