अंतःकोटाकोटी: Difference between revisions
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[[धवला]] पुस्तक संख्या ६/१,९-६,३३/१७४/६ अंतोकोड़ाकोड़ीए त्ति उत्ते सागरोवमकोडाकोडिसंखेज्जकोडीहि खंडिदएगखंडं होदि त्ति घेत्तव्वं। < | <p class="SanskritPrakritSentence">[[धवला]] पुस्तक संख्या ६/१,९-६,३३/१७४/६ अंतोकोड़ाकोड़ीए त्ति उत्ते सागरोवमकोडाकोडिसंखेज्जकोडीहि खंडिदएगखंडं होदि त्ति घेत्तव्वं। </p> | ||
<p class="HindiSentence">= अन्तःकोड़ाकोड़ी ऐसा कहनेपर एक कोड़ाकोड़ी सागरोपम को संख्यात कोटियों से खंडित करनेपर जो एक खण्ड होता है, वह अन्तःकोड़ाकोड़ी का अर्थ ग्रहण करना चाहिये।</p> | <p class="HindiSentence">= अन्तःकोड़ाकोड़ी ऐसा कहनेपर एक कोड़ाकोड़ी सागरोपम को संख्यात कोटियों से खंडित करनेपर जो एक खण्ड होता है, वह अन्तःकोड़ाकोड़ी का अर्थ ग्रहण करना चाहिये।</p> | ||
गो. जी. भाषा ५६०/१००३/९ कोडि के ऊपरि अर कोड़ाकोड़ी के नीचे जो होइ ताकौ अंतःकोटाकोटी कहिए।<br> | गो. जी. भाषा ५६०/१००३/९ कोडि के ऊपरि अर कोड़ाकोड़ी के नीचे जो होइ ताकौ अंतःकोटाकोटी कहिए।<br> | ||
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Revision as of 11:39, 24 May 2009
धवला पुस्तक संख्या ६/१,९-६,३३/१७४/६ अंतोकोड़ाकोड़ीए त्ति उत्ते सागरोवमकोडाकोडिसंखेज्जकोडीहि खंडिदएगखंडं होदि त्ति घेत्तव्वं।
= अन्तःकोड़ाकोड़ी ऐसा कहनेपर एक कोड़ाकोड़ी सागरोपम को संख्यात कोटियों से खंडित करनेपर जो एक खण्ड होता है, वह अन्तःकोड़ाकोड़ी का अर्थ ग्रहण करना चाहिये।
गो. जी. भाषा ५६०/१००३/९ कोडि के ऊपरि अर कोड़ाकोड़ी के नीचे जो होइ ताकौ अंतःकोटाकोटी कहिए।