छद्मस्थकाल: Difference between revisions
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<p>वृषभनाथ -: एक हजार वर्ष </p> | <p>वृषभनाथ -: एक हजार वर्ष </p> | ||
<p>अजितनाथ -: बारह वर्ष</p> | <p>अजितनाथ -: बारह वर्ष</p> | ||
<p> | <p>शंभवनाथ -: चौदह वर्ष </p> | ||
<p> | <p>अभिनंदन -: अठारह वर्ष </p> | ||
<p>सुमतिनाथ -: बीस वर्ष </p> | <p>सुमतिनाथ -: बीस वर्ष </p> | ||
<p>पद्मप्रभ -: छ: मास </p> | <p>पद्मप्रभ -: छ: मास </p> | ||
<p>सुपार्श्वनाथ -: नौ वर्ष</p> | <p>सुपार्श्वनाथ -: नौ वर्ष</p> | ||
<p> | <p>चंद्रप्रभ -: तीन मास</p> | ||
<p> | <p>पुष्पदंत-: चार मास </p> | ||
<p>शीतलनाथ -: तीन मास </p> | <p>शीतलनाथ -: तीन मास </p> | ||
<p>श्रेयांसनाथ -: दो मास </p> | <p>श्रेयांसनाथ -: दो मास </p> | ||
<p>वासुपूज्य -: एक मास </p> | <p>वासुपूज्य -: एक मास </p> | ||
<p>विमलनाथ -: तीन मास </p> | <p>विमलनाथ -: तीन मास </p> | ||
<p> | <p>अनंतनाथ -: दो मास </p> | ||
<p>धर्मनाथ -: एक मास </p> | <p>धर्मनाथ -: एक मास </p> | ||
<p> | <p>शांतिनाथ -: सोलह वर्ष </p> | ||
<p> | <p>कुंथुनाथ -: सोलह वर्ष </p> | ||
<p>अरनाथ -: सोलह वर्ष </p> | <p>अरनाथ -: सोलह वर्ष </p> | ||
<p>मल्लिनाथ -: छ: दिन </p> | <p>मल्लिनाथ -: छ: दिन </p> |
Revision as of 16:22, 19 August 2020
संयम धारण करने के समय से केवलज्ञान उत्पन्न होने तक का काल । वर्तमान तीर्थंकरों का छद्मस्थ काल निम्न प्रकार है―
वृषभनाथ -: एक हजार वर्ष
अजितनाथ -: बारह वर्ष
शंभवनाथ -: चौदह वर्ष
अभिनंदन -: अठारह वर्ष
सुमतिनाथ -: बीस वर्ष
पद्मप्रभ -: छ: मास
सुपार्श्वनाथ -: नौ वर्ष
चंद्रप्रभ -: तीन मास
पुष्पदंत-: चार मास
शीतलनाथ -: तीन मास
श्रेयांसनाथ -: दो मास
वासुपूज्य -: एक मास
विमलनाथ -: तीन मास
अनंतनाथ -: दो मास
धर्मनाथ -: एक मास
शांतिनाथ -: सोलह वर्ष
कुंथुनाथ -: सोलह वर्ष
अरनाथ -: सोलह वर्ष
मल्लिनाथ -: छ: दिन
मुनिसुव्रत -: ग्यारह मास
नमिनाथ -: नौ वर्ष
नेमिनाथ -: छप्पन दिन
पार्श्वनाथ -: चार मास
महावीर -: बारह वर्ष । हरिवंशपुराण 12. 79, 16. 64, 60 336-340