अध्यात्म स्थान: Difference between revisions
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[[समयसार]] / [[ समयसार आत्मख्याति | आत्मख्याति]] गाथा संख्या ५२/९४/६ - यानि स्वपरैकत्वाध्यासे सति विशुद्धचित्परिणामातिरिक्तत्वलक्षणान्यध्यात्मस्थानानि तानि सर्वाण्यपि न सन्ति जीवस्य। < | <p class="SanskritPrakritSentence">[[समयसार]] / [[ समयसार आत्मख्याति | आत्मख्याति]] गाथा संख्या ५२/९४/६ - यानि स्वपरैकत्वाध्यासे सति विशुद्धचित्परिणामातिरिक्तत्वलक्षणान्यध्यात्मस्थानानि तानि सर्वाण्यपि न सन्ति जीवस्य। </p> | ||
<p class="HindiSentence">= स्वपर के एकत्व का अध्यास होनेपर विशुद्ध चैतन्य परिणाम से भिन्न लक्षणवाले अध्यात्म स्थान भी जीव के लक्षण नहीं है।</p> | <p class="HindiSentence">= स्वपर के एकत्व का अध्यास होनेपर विशुद्ध चैतन्य परिणाम से भिन्न लक्षणवाले अध्यात्म स्थान भी जीव के लक्षण नहीं है।</p> | ||
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Revision as of 13:36, 24 May 2009
समयसार / आत्मख्याति गाथा संख्या ५२/९४/६ - यानि स्वपरैकत्वाध्यासे सति विशुद्धचित्परिणामातिरिक्तत्वलक्षणान्यध्यात्मस्थानानि तानि सर्वाण्यपि न सन्ति जीवस्य।
= स्वपर के एकत्व का अध्यास होनेपर विशुद्ध चैतन्य परिणाम से भिन्न लक्षणवाले अध्यात्म स्थान भी जीव के लक्षण नहीं है।