द्विकावलि: Difference between revisions
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Revision as of 16:25, 19 August 2020
एक व्रत । यह अड़तालीस दिन में संपन्न होता है । इसमें अड़तालीस षंठोपवास (बेला) और इतनी ही पारणाएँ की जाती हैं । हरिवंशपुराण 34.68