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| <p id="1"> (1) विजयार्ध-पर्वत की उत्तरश्रेणी के साठ नगरों में पचासवां नगर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.90 </span></p> | | #REDIRECT [[गंधमादन]] |
| <p id="2">(2) राजा जरासन्ध का एक पुत्र । <span class="GRef"> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.31 </span> </span></p>
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| <p id="3">(3) राजा हिमवान् का सबसे छोटा पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48-47 </span></p>
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| <p id="4">(4) मेरु पर्वत की पश्चिमोत्तर दिशा में स्थित एक स्वर्णमय गजदन्त पर्वत । यह नील और निषध पर्वत के समीप चार सौ तथा मेरु पर्वत के समीप पाँच सौ योजन ऊँचा है, गहराई ऊँचाई से चौथाई है, देवकुरु और उत्तरकुरु के समीप इसकी चौड़ाई पांच सौ योजन है । इस पर्वत से गन्धवती नदी निकली है । <span class="GRef"> महापुराण 63-204 71.309, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.210-218 </span>मुनि विमलावाहन और विदेहक्षेत्रस्थ सुपद्मा देश के सिंहपुर नगर के राजा अर्हद्दास यहीं से मोक्ष गये थे । यह सुप्रतिष्ठ मुनिराज की कैवल्यभूमि थी । <span class="GRef"> महापुराण 70,18-19 124, </span><span class="GRef"> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.29 </span>-31, 34.10 </span></p>
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| <p id="5">(5) शौर्यपुर के उद्यान में स्थित पर्वत । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18.29 </span></p>
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| <p id="6">(6) जरासन्ध का पुत्र । <span class="GRef"> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.31 </span> </span></p>
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| [[Category: पुराण-कोष]]
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| [[Category: ग]]
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