अवधि: Difference between revisions
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[[धवला]] पुस्तक संख्या ९/४,१,२/१२/६ तथा १३/१ ओहिसद्दो अप्पाणम्मि वट्टदे..कत्ग वि मज्जाए वट्टदे..कत्थ वि णाणे वट्टदे..। अथवा अवाग्धानादवधिरिति ब्युत्पत्तेर्ज्ञानस्य अवधित्वं घटते।< | <p class="SanskritPrakritSentence">[[धवला]] पुस्तक संख्या ९/४,१,२/१२/६ तथा १३/१ ओहिसद्दो अप्पाणम्मि वट्टदे..कत्ग वि मज्जाए वट्टदे..कत्थ वि णाणे वट्टदे..। अथवा अवाग्धानादवधिरिति ब्युत्पत्तेर्ज्ञानस्य अवधित्वं घटते।</p> | ||
<p class="HindiSentence">= १. अवधि शब्द आत्माके अर्थमें होता है. २. कहीं पर मर्यादाके अर्थमें भी इस शब्दका प्रयोग होता है.. ३. कहीं पर ज्ञान अर्थमें भी यह शब्द आता है। ४. अथवा `अवाग्धानात् अवधि' अर्थात् जो अधोंगत पुद्गलकों अधिकतासे ग्रहण करे वह अवधि है, इस ब्युत्पत्तिसे ज्ञानकी अवधिपना घटित होता है।</p> | <p class="HindiSentence">= १. अवधि शब्द आत्माके अर्थमें होता है. २. कहीं पर मर्यादाके अर्थमें भी इस शब्दका प्रयोग होता है.. ३. कहीं पर ज्ञान अर्थमें भी यह शब्द आता है। ४. अथवा `अवाग्धानात् अवधि' अर्थात् जो अधोंगत पुद्गलकों अधिकतासे ग्रहण करे वह अवधि है, इस ब्युत्पत्तिसे ज्ञानकी अवधिपना घटित होता है।</p> | ||
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Revision as of 22:35, 24 May 2009
धवला पुस्तक संख्या ९/४,१,२/१२/६ तथा १३/१ ओहिसद्दो अप्पाणम्मि वट्टदे..कत्ग वि मज्जाए वट्टदे..कत्थ वि णाणे वट्टदे..। अथवा अवाग्धानादवधिरिति ब्युत्पत्तेर्ज्ञानस्य अवधित्वं घटते।
= १. अवधि शब्द आत्माके अर्थमें होता है. २. कहीं पर मर्यादाके अर्थमें भी इस शब्दका प्रयोग होता है.. ३. कहीं पर ज्ञान अर्थमें भी यह शब्द आता है। ४. अथवा `अवाग्धानात् अवधि' अर्थात् जो अधोंगत पुद्गलकों अधिकतासे ग्रहण करे वह अवधि है, इस ब्युत्पत्तिसे ज्ञानकी अवधिपना घटित होता है।