पिशुलि: Difference between revisions
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गोम्मटसार | गोम्मटसार जीवकांड/ भाषा/326/700/13 का भावार्थ (श्रुतज्ञान के पर्याय, पर्याय-समास आदि 20 भेदों के प्रकरण में, प्रक्षेपक प्रक्षेपक नाम के श्रुतज्ञान को प्राप्त करने के लिए अनंत का भाग देने की जो प्रक्रिया अपनायी गयी है) वैसे ही क्रमतैं जीवराशिमात्र अनंत का भाग दीए जो प्रमाण आवै सो सो क्रमतैं पिशुलि पिशुलि-पिशुलि जानने। | ||
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Revision as of 16:28, 19 August 2020
गोम्मटसार जीवकांड/ भाषा/326/700/13 का भावार्थ (श्रुतज्ञान के पर्याय, पर्याय-समास आदि 20 भेदों के प्रकरण में, प्रक्षेपक प्रक्षेपक नाम के श्रुतज्ञान को प्राप्त करने के लिए अनंत का भाग देने की जो प्रक्रिया अपनायी गयी है) वैसे ही क्रमतैं जीवराशिमात्र अनंत का भाग दीए जो प्रमाण आवै सो सो क्रमतैं पिशुलि पिशुलि-पिशुलि जानने।