पूजाराध्यक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 16:28, 19 August 2020
दीक्षान्वय की पाँचवीं क्रिया । इसमें जिनेंद्र-पूजा और उपवासपूर्वक द्वादशांग का अर्थ सुना जाता है । महापुराण 38.64, 39.49