एकीभावस्तोत्र: Difference between revisions
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आचार्य वादिराज सूरि (ई. १०१०-१०६५) द्वारा २६ संस्कृत छन्दोंमें रचित एक भक्तिपूर्ण आध्यात्मिक स्तोत्र, जिससे रचयिताने अपना कुष्ठरोग शान्त किया था। ([[तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा]], पृष्ठ संख्या ३/१०३)<br>[[Category:ए]] [[Category:तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा]] | आचार्य वादिराज सूरि (ई. १०१०-१०६५) द्वारा २६ संस्कृत छन्दोंमें रचित एक भक्तिपूर्ण आध्यात्मिक स्तोत्र, जिससे रचयिताने अपना कुष्ठरोग शान्त किया था। ([[तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा]], पृष्ठ संख्या ३/१०३)<br> | ||
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आचार्य वादिराज सूरि (ई. १०१०-१०६५) द्वारा २६ संस्कृत छन्दोंमें रचित एक भक्तिपूर्ण आध्यात्मिक स्तोत्र, जिससे रचयिताने अपना कुष्ठरोग शान्त किया था। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ३/१०३)