प्रथमानुयोग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<ol> | <ol> | ||
<li> आगम | <li> आगम संबंधी प्रथमानुयोग - देखें [[ अनुयोग#1 | अनुयोग - 1]];/2/1 </li> | ||
<li> दृष्टि प्रवाद का तीसरा भेद । देखें [[ श्रुतज्ञान#III.1.4.2 | श्रुतज्ञान - III.1.4.2]]</li> | <li> दृष्टि प्रवाद का तीसरा भेद । देखें [[ श्रुतज्ञान#III.1.4.2 | श्रुतज्ञान - III.1.4.2]]</li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 15: | Line 15: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> | <p> श्रुतस्कंध के चार अनुयोगों में प्रथम अनुयोग । इसमें तीर्थंकर आदि त्रेसठ शलाकापुरुषों के चरित्र का वर्णन होता है । <span class="GRef"> महापुराण 2.98 </span></p> | ||
<p id="2">(2) द्वादशांग श्रुत का एक भेद । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.96 </span></p> | <p id="2">(2) द्वादशांग श्रुत का एक भेद । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.96 </span></p> | ||
Revision as of 16:28, 19 August 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- आगम संबंधी प्रथमानुयोग - देखें अनुयोग - 1;/2/1
- दृष्टि प्रवाद का तीसरा भेद । देखें श्रुतज्ञान - III.1.4.2
पुराणकोष से
श्रुतस्कंध के चार अनुयोगों में प्रथम अनुयोग । इसमें तीर्थंकर आदि त्रेसठ शलाकापुरुषों के चरित्र का वर्णन होता है । महापुराण 2.98
(2) द्वादशांग श्रुत का एक भेद । हरिवंशपुराण 2.96