प्रमेयत्व गुण: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 16:28, 19 August 2020
आलापपद्धति/6 प्रमेयस्य भावः प्रमेयत्वम् । प्रमाणेन स्वपरस्वरूप परिच्छेद्यं प्रमेयम् । = प्रमेय के भाव को प्रमेयत्व कहते हैं । प्रमाण के द्वारा जो जानने योग्य स्वपर स्वरूप वह प्रमेय है ।