प्रवचनसार: Difference between revisions
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<li> अमृत | <li> अमृत चंद्र (ई. 905-955) कृत ‘तत्त्व प्रदीपिका’ (संस्कृत) । (जै./2/173) । </li> | ||
<li> | <li> प्रभाचंद्र (ई. 950-1020) कृत ‘प्रवचन सरोज भास्कर’ (संस्कृत) । (जै./2/195) </li> | ||
<li> मल्लिषेण (ई.1128) कृत संस्कृत टीका । </li> | <li> मल्लिषेण (ई.1128) कृत संस्कृत टीका । </li> | ||
<li> आ जयसेन (ई.श. 11-12 अथवा 12-13 कृत ‘तात्पर्य वृत्ति’ (संस्कृत) । ( जै./2/192) । </li> | <li> आ जयसेन (ई.श. 11-12 अथवा 12-13 कृत ‘तात्पर्य वृत्ति’ (संस्कृत) । ( जै./2/192) । </li> | ||
<li> पं. | <li> पं. हेमचंद (ई. 1652) कृत भाषा टीका ।</li> | ||
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Revision as of 16:28, 19 August 2020
आ. कुंदकुंद (ई. 127-179) कृत 275 प्राकृत गाथा प्रमाणज्ञान, ज्ञेय व चारित्र विषयक प्राकृत ग्रंथ (ती./2/111) । इस पर अनेक टीकायें उपलब्ध हैं -
- अमृत चंद्र (ई. 905-955) कृत ‘तत्त्व प्रदीपिका’ (संस्कृत) । (जै./2/173) ।
- प्रभाचंद्र (ई. 950-1020) कृत ‘प्रवचन सरोज भास्कर’ (संस्कृत) । (जै./2/195)
- मल्लिषेण (ई.1128) कृत संस्कृत टीका ।
- आ जयसेन (ई.श. 11-12 अथवा 12-13 कृत ‘तात्पर्य वृत्ति’ (संस्कृत) । ( जै./2/192) ।
- पं. हेमचंद (ई. 1652) कृत भाषा टीका ।