प्रशंसा: Difference between revisions
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Revision as of 16:28, 19 August 2020
सर्वार्थसिद्धि/6/25/339/12 गुणोद्भावनाभिप्रायः प्रशंसा । = गुणों को प्रगट करने का भाव प्रशंसा है । ( सर्वार्थसिद्धि/7/23/364/12 ) ( राजवार्तिक/6/25/2/530/30 ) ( राजवार्तिक/7/23/1/552/12 ) ।
- अन्य संबंधित विषय
- प्रशंसा व स्तुति में अंतर - देखें अन्यदृष्टि ।
- अन्य दृष्टि प्रशंसा - देखें अन्यदृष्टि ।
- स्व प्रशंसा का निषेध - देखें निंदा - 2