प्रीतिक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 16:29, 19 August 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें संस्कार - 2.2
पुराणकोष से
गृहस्थ की गर्भान्वयी त्रेपन क्रियाओं में द्वितीय क्रिया । इसके अंतर्गत गर्भाधान के तीसरे मास में जिनेंद्र की पूजा की जाती है, तोरण बाँधे जाते हैं, दो पूर्ण कलश रखे जाते हैं तथा प्रतिदिन वाद्य-ध्वनि पूर्वक उल्लास प्रकट किया जाता है । महापुराण 38.77-79,