भूतबली: Difference between revisions
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मूल संघ की पट्टावली के अनुसार (देखें [[ इतिहास#4.4 | इतिहास - 4.4]]) आपके दीक्षा गुरु अर्हद्बलि और शिक्षा गुरु धरसेन थे। | मूल संघ की पट्टावली के अनुसार (देखें [[ इतिहास#4.4 | इतिहास - 4.4]]) आपके दीक्षा गुरु अर्हद्बलि और शिक्षा गुरु धरसेन थे। | ||
पुष्पदंत आचार्यके गुरु भाई थे। उनके साथ ही गुरु अर्हद्बलिने इन्हें महिमा नगर के संघ से गिरनार पर्वतपर धरसेनाचार्यकी सेवा में भेजा था। जहां जाकर आपने उनसे षट्खंडागम का ज्ञान प्राप्त किया और उनके पश्चात् उसे लिपिबद्ध करके उनकी भावनाको पूरा किया। आप अल्पवय में ही दीक्षित हुए थे, इसलिए पुष्पदंत आचार्य के पीछे तक भी बहुत वर्ष जीवित रहे और इसी कारण षट्खंडका अधिकांश भाग आपने ही पूरा किया। समय–वी. नि. 593-683 (ई.66-156) विशेष देखें [[ कोष#1 | कोष - 1]]। परिशिष्ट/2/9। | |||
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Revision as of 16:30, 19 August 2020
मूल संघ की पट्टावली के अनुसार (देखें इतिहास - 4.4) आपके दीक्षा गुरु अर्हद्बलि और शिक्षा गुरु धरसेन थे। पुष्पदंत आचार्यके गुरु भाई थे। उनके साथ ही गुरु अर्हद्बलिने इन्हें महिमा नगर के संघ से गिरनार पर्वतपर धरसेनाचार्यकी सेवा में भेजा था। जहां जाकर आपने उनसे षट्खंडागम का ज्ञान प्राप्त किया और उनके पश्चात् उसे लिपिबद्ध करके उनकी भावनाको पूरा किया। आप अल्पवय में ही दीक्षित हुए थे, इसलिए पुष्पदंत आचार्य के पीछे तक भी बहुत वर्ष जीवित रहे और इसी कारण षट्खंडका अधिकांश भाग आपने ही पूरा किया। समय–वी. नि. 593-683 (ई.66-156) विशेष देखें कोष - 1। परिशिष्ट/2/9।