मल्लिषेण: Difference between revisions
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Revision as of 16:31, 19 August 2020
- महापुराण, नागकुमार, महाकाव्य तथा सज्जन चित्तवल्लभ के कर्ता, उभय भाषा विशारद एक कवि (भट्टारक) समय–वि.1104 (ई. 1047)। ( महापुराण/ प्र.20/पं.पन्नालाल; (स.म./प्र.15/प्रेमीजी)।
- एक प्रसिद्ध मंत्र तंत्रवादी भट्टारक। गुरु परंपरा–अजितसेन, कनकसेन, जिनसेन, मल्लिषेण। नरेंद्रसेन के लघु गुरु भ्राता। नेमिचंद्र सिद्धांत चक्रवर्ती ने इन्हें भवनगुरु कहा है। कृतियें–भैरव पद्मावती कल्प, सरस्वती मंत्र कल्प, ज्वालिनी कल्प, कामचांडाली कल्प, वज्र पंजर विधान, प्रवचनसार टीका, पंचास्तिकाय टीका, ब्रह्म विद्या। समय–डा. नेमिचंद्र नं. 1 व 2 को एक व्यक्ति मानते हैं। अत: उनके अनुसार शक 969 (ई. 1047)। (ती. /3/171)। परंतु पं. पन्नालाल तथा प्रेमीजी के अनुसार शक 1050 (ई. 1128)। (देखें उपर्युक्त संदर्भ )।
- स्याद्वाद मंजरी तथा महापुराण के रचयिता एक निष्पक्ष श्वेतांबर आचार्य जो स्त्रीमुक्ति आदि विवादास्पद चर्चाओं में पड़ना पसंद नहीं करते। समय–शक 1214 (ई. 1292)। (स.म./प्र.16/जगदीश चंद )।