मृगध्वज: Difference between revisions
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<p> भरतक्षेत्र की श्रावस्ती नगरी के राजा जितशत्रु का पुत्र । इसी नगरी के सेठ कामदत्त द्वारा पालित भद्रक भैंसे का एक पैर चक्र से काटने के कारण इसके पिता ने इसे मारने का आदेश दिया था, | <p> भरतक्षेत्र की श्रावस्ती नगरी के राजा जितशत्रु का पुत्र । इसी नगरी के सेठ कामदत्त द्वारा पालित भद्रक भैंसे का एक पैर चक्र से काटने के कारण इसके पिता ने इसे मारने का आदेश दिया था, किंतु बुद्धिमान् मंत्री ने इसे जीवित छोड़कर मुनिदीक्षा दिला दी थी । बाईसवें दिन इसे केवलज्ञान प्रकट हो गया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 28.17-28 </span></p> | ||
Revision as of 16:32, 19 August 2020
भरतक्षेत्र की श्रावस्ती नगरी के राजा जितशत्रु का पुत्र । इसी नगरी के सेठ कामदत्त द्वारा पालित भद्रक भैंसे का एक पैर चक्र से काटने के कारण इसके पिता ने इसे मारने का आदेश दिया था, किंतु बुद्धिमान् मंत्री ने इसे जीवित छोड़कर मुनिदीक्षा दिला दी थी । बाईसवें दिन इसे केवलज्ञान प्रकट हो गया था । हरिवंशपुराण 28.17-28