मेषकेतन: Difference between revisions
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Revision as of 16:33, 19 August 2020
एक देव । इसने सीता की अग्नि परीक्षा के समय सीता के ऊपर आये उपसर्ग को दूर करने के लिए इंद्र से कहा था किंतु इंद्र ने सकलभूषण मुनि की वंदना की शीघ्रता के कारण इसे ही सीता की सहायता करने की आज्ञा दी थी । इसने भी अग्निकुंड को जलकुंड बनाकर और सीता को सिंहासन पर विराजमान दर्शाकर सीता के शील की रक्षा की थी । पद्मपुराण 104.123-126, 105.29, 48-50