उपनय: Difference between revisions
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<p class="HindiSentence">= उदाहरणकी अपेक्षा करके 'तथा इति' अर्थात् जैसा उदाहरण है वैसा ही यह भी है, इस प्रकार उपसंहार करना उपनय है। अथवा यदि उदाहरण व्यतिरेकी है तो-जैसे इस उदाहरणमें नहीं है उसी प्रकार यह भी नहीं है, इस प्रकार उपसंहार करना उपनय है। तात्पर्य यह कि जहाँ वैधर्म्यका दृष्टान्त होगा वहां `न तथा' ऐसा उपनय होगा और जहाँ साधर्म्यका उदाहरण होगा वहाँ तथा' ऐसा उपनय होगा।</p> | |||
<p class="SanskritPrakritSentence">न्या.सू./भा. १/१/३८/३८ साधनभूतस्य धर्मस्य साध्येन धर्मेण सामानाधिकारण्योपपादनमुपनयार्थः।</p> | |||
<p class="HindiSentence">= साधनभूतका साध्यधर्मके साथ समान अधिकरण एक आश्रयपना) होनेका प्रतिपादन करना उपनय है।</p> | |||
<p class="SanskritPrakritSentence">[[परीक्षामुख]] परिच्छेद संख्या ३/५० हेतोरुपसंहार उपनयः ।५०।</p> | |||
<p class="HindiSentence">= व्याप्तिपूर्वक धर्मीमें हेतुकी निस्संशय मौजूदगी बतलाना उपनय है यथा (उसी प्रकार यह भी धूमवान् है) ऐसा कहना।</p> | |||
<p class="SanskritPrakritSentence">[[न्यायदीपिका]] अधिकार ३/$३२,७२ दृष्टान्तापेक्षया, पक्षे हेतोरुपसंहारवचनमुपनयः। तथा चायं धूमवानिति ।३२। साधनवत्तया पक्षस्य दृष्टान्तसाम्यकथनमुपनयः। यथा चायं धूमवानिति ।७२।</p> | |||
<p class="HindiSentence">= दृष्टान्तकी अपेक्षा लेकर पक्षमें हेतुके दोहरानेको उपनय कहते हैं। जैसे-`इसलिए यह पर्वत भी धूमवाला है' ऐसा कहना-अथवा साधनवान रूपसे पक्षकी दृष्टान्तके साथ साम्यताका कथन करना उपनय है। जैसे इसीलिए यह धूम वाला है।</p> | |||
<UL start=0 class="BulletedList"> <LI> उपनय नामक नय - <b>देखे </b>[[नय]] V/४। </LI> </UL> | |||
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Revision as of 06:44, 26 May 2009
न्यायदर्शन सूत्र / मूल या टीका अध्याय संख्या १/१/३८ उदाहरणापेक्षस्तथेत्युपसंहारो न तथेति वा साध्यस्योपनयः ।३८।
= उदाहरणकी अपेक्षा करके 'तथा इति' अर्थात् जैसा उदाहरण है वैसा ही यह भी है, इस प्रकार उपसंहार करना उपनय है। अथवा यदि उदाहरण व्यतिरेकी है तो-जैसे इस उदाहरणमें नहीं है उसी प्रकार यह भी नहीं है, इस प्रकार उपसंहार करना उपनय है। तात्पर्य यह कि जहाँ वैधर्म्यका दृष्टान्त होगा वहां `न तथा' ऐसा उपनय होगा और जहाँ साधर्म्यका उदाहरण होगा वहाँ तथा' ऐसा उपनय होगा।
न्या.सू./भा. १/१/३८/३८ साधनभूतस्य धर्मस्य साध्येन धर्मेण सामानाधिकारण्योपपादनमुपनयार्थः।
= साधनभूतका साध्यधर्मके साथ समान अधिकरण एक आश्रयपना) होनेका प्रतिपादन करना उपनय है।
परीक्षामुख परिच्छेद संख्या ३/५० हेतोरुपसंहार उपनयः ।५०।
= व्याप्तिपूर्वक धर्मीमें हेतुकी निस्संशय मौजूदगी बतलाना उपनय है यथा (उसी प्रकार यह भी धूमवान् है) ऐसा कहना।
न्यायदीपिका अधिकार ३/$३२,७२ दृष्टान्तापेक्षया, पक्षे हेतोरुपसंहारवचनमुपनयः। तथा चायं धूमवानिति ।३२। साधनवत्तया पक्षस्य दृष्टान्तसाम्यकथनमुपनयः। यथा चायं धूमवानिति ।७२।
= दृष्टान्तकी अपेक्षा लेकर पक्षमें हेतुके दोहरानेको उपनय कहते हैं। जैसे-`इसलिए यह पर्वत भी धूमवाला है' ऐसा कहना-अथवा साधनवान रूपसे पक्षकी दृष्टान्तके साथ साम्यताका कथन करना उपनय है। जैसे इसीलिए यह धूम वाला है।
- उपनय नामक नय - देखे नय V/४।