यत्याचार: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
(No difference)
|
Revision as of 16:33, 19 August 2020
- आ. पद्मनंदि 7 (ई. 1305) की एक रचना।
- यतियों अर्थात् साधुओं के आचार-विचार को यत्याचार कहा जाता है, वा जिसमें यतियों के आचारादि का वर्णन किया गया है, ऐसे मूलाचार, भगवती आराधना, अनगार धर्मामृत आदि ग्रंथों को भी यत्याचार कहा जाता है।