रुचक गिरि: Difference between revisions
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पुष्कर द्वीपवत् इसके मध्य भाग में भी एक | पुष्कर द्वीपवत् इसके मध्य भाग में भी एक कुंडलाकार पर्वत है। इस पर्वत पर चार या आठ चैत्यालय हैं। 13 द्वीप चैत्यालयों में इनकी गणना है। इस पर अनेकों कूट हैं, जिन पर कुमारी देवियाँ निवास करती हैं जो कि भगवान् के गर्भावतरण के लिए उनकी माता की सेवा करती हैं।–देखें [[ लोक#4.7 | लोक - 4.7]]। | ||
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Revision as of 16:33, 19 August 2020
पुष्कर द्वीपवत् इसके मध्य भाग में भी एक कुंडलाकार पर्वत है। इस पर्वत पर चार या आठ चैत्यालय हैं। 13 द्वीप चैत्यालयों में इनकी गणना है। इस पर अनेकों कूट हैं, जिन पर कुमारी देवियाँ निवास करती हैं जो कि भगवान् के गर्भावतरण के लिए उनकी माता की सेवा करती हैं।–देखें लोक - 4.7।