लव: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 2: | Line 2: | ||
<ol class="HindiText"> | <ol class="HindiText"> | ||
<li> काल का प्रमाण विशेष - देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4]]। </li> | <li> काल का प्रमाण विशेष - देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4]]। </li> | ||
<li> पद्मपुराण/ सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से | <li> पद्मपुराण/ सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से पुंडरीक के राजा वज्रजंघ के घर उत्पन्न रामचंद्र के पुत्र थे (100/17-18)। सिद्धार्थ नामक क्षुल्लक से विद्या प्राप्त की (100/47)। नारद के द्वारा राम की प्रशंसा तथा किसी सीता नामक स्त्री के साथ उनका अन्याय सुनकर राम से युद्ध किया (102/45)। राम-लक्ष्मण को युद्ध में हार जाना। अंत में पिता पुत्र का मिलाप हो गया। (103/41, 47)। अंत में मोक्ष प्राप्त किया (123/82)।</li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Revision as of 16:33, 19 August 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- काल का प्रमाण विशेष - देखें गणित - I.1.4।
- पद्मपुराण/ सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से पुंडरीक के राजा वज्रजंघ के घर उत्पन्न रामचंद्र के पुत्र थे (100/17-18)। सिद्धार्थ नामक क्षुल्लक से विद्या प्राप्त की (100/47)। नारद के द्वारा राम की प्रशंसा तथा किसी सीता नामक स्त्री के साथ उनका अन्याय सुनकर राम से युद्ध किया (102/45)। राम-लक्ष्मण को युद्ध में हार जाना। अंत में पिता पुत्र का मिलाप हो गया। (103/41, 47)। अंत में मोक्ष प्राप्त किया (123/82)।
पुराणकोष से
सात स्तोक प्रमित काल । हरिवंशपुराण 7.20, देखें काल