वज्रमाली: Difference between revisions
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Revision as of 16:33, 19 August 2020
इंद्रजित् का पुत्र । इसने राम पर उस समय आक्रमण किया था जब राम लक्ष्मण की निष्प्राण देह गोद में लिए हुए थे । जटायु के जीव ने इसे भ्रमित कर भगा दिया था । देवों के इस प्रभाव को देखकर इसे अपने ऐश्वर्य से वैराग्य उत्पन्न हो गया । फलस्वरूप सुंदर के पुत्र चारुरत्न के साथ मुनि रतिवेग के पास इसने दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण 108.33-36, 62-67