विद्युन्माली: Difference between revisions
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<p id="2">(2) ब्रह्महृदय विमान में उत्पन्न ब्रह्म स्वर्ग का | <p id="2">(2) ब्रह्महृदय विमान में उत्पन्न ब्रह्म स्वर्ग का इंद्र । इसकी चार रानियाँ थीं― प्रियदर्शना, सुदर्शना, विद्युद्वेगागा और प्रभावेगा । यह केवली जंबूस्वामी का जीव था । <span class="GRef"> महापुराण 76.32-38 </span></p> | ||
Revision as of 16:35, 19 August 2020
(1) राजा जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण 52.35
(2) ब्रह्महृदय विमान में उत्पन्न ब्रह्म स्वर्ग का इंद्र । इसकी चार रानियाँ थीं― प्रियदर्शना, सुदर्शना, विद्युद्वेगागा और प्रभावेगा । यह केवली जंबूस्वामी का जीव था । महापुराण 76.32-38