विंध्य: Difference between revisions
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<p id="2">(2) विध्याचल पर्वत । | <p id="2">(2) विध्याचल पर्वत । अभिचंद्र राजा ने इसी पर्वत पर चेदिराष्ट्र की स्थापना की थी । इस पर्वत के वन हाथी, सिंह और व्याघ्रों से युक्त थे । इसकी चोटियां ऊँची थी विद्याघर यहाँ विद्या को सिद्ध करते थे । महर्षि विदुर का आश्रम इसी वन में था । दिग्विजय के समय भरतेश के सेनापति ने इस प्रदेश को जीता था । <span class="GRef"> महापुराण 29. 88, 30. 65-83, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 17.36, 40. 25-26, 45.116-117, 47.8 </span></p> | ||
<p id="3">(3) विंध्य पर्वत के अंचल में बसा हुआ देश । यहाँ के राजा को लवणांकुश ने पराजित किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 83-86 </span></p> | <p id="3">(3) विंध्य पर्वत के अंचल में बसा हुआ देश । यहाँ के राजा को लवणांकुश ने पराजित किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 83-86 </span></p> | ||
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Revision as of 16:36, 19 August 2020
(1) दूसरी पृथिवी के प्रथम प्रस्तार में तरक इंद्र बिल की दक्षिणदिशा में स्थित महाभयानक नरक । हरिवंशपुराण 4.153
(2) विध्याचल पर्वत । अभिचंद्र राजा ने इसी पर्वत पर चेदिराष्ट्र की स्थापना की थी । इस पर्वत के वन हाथी, सिंह और व्याघ्रों से युक्त थे । इसकी चोटियां ऊँची थी विद्याघर यहाँ विद्या को सिद्ध करते थे । महर्षि विदुर का आश्रम इसी वन में था । दिग्विजय के समय भरतेश के सेनापति ने इस प्रदेश को जीता था । महापुराण 29. 88, 30. 65-83, हरिवंशपुराण 17.36, 40. 25-26, 45.116-117, 47.8
(3) विंध्य पर्वत के अंचल में बसा हुआ देश । यहाँ के राजा को लवणांकुश ने पराजित किया था । पद्मपुराण 101. 83-86