वैताढय: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य में पूर्वा पर | भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य में पूर्वा पर लंबायमान विजयार्ध पर्वत को, तथा 32 विदेहों के 32 विजयार्धों को वैताढय कहते हैं। हैमवत् आदि अन्य क्षेत्र के मध्य शब्दवान् आदि कूटाकार पर्वत वैताढय कहलाते हैं।–देखें [[ लोक#6 | लोक - 6]], 7। | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:37, 19 August 2020
भरत और ऐरावत क्षेत्र के मध्य में पूर्वा पर लंबायमान विजयार्ध पर्वत को, तथा 32 विदेहों के 32 विजयार्धों को वैताढय कहते हैं। हैमवत् आदि अन्य क्षेत्र के मध्य शब्दवान् आदि कूटाकार पर्वत वैताढय कहलाते हैं।–देखें लोक - 6, 7।