वैश्रवणदत्त: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) विदेहक्षेत्र की | <p id="1"> (1) विदेहक्षेत्र की पुंडरीकिणी नगरी के निवासो सेठ सागरसेन की छोटी बहिन सागरसेना का पुत्र । इसकी एक बहिन थी जिसका नाम वैश्रवणदत्ता था । इसे इसी नगर के सेठ सागरसेन और देवश्री की पुत्री सागरदत्ता विवाही गयी थी । <span class="GRef"> महापुराण 47. 189-199 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजपुर नगर का एक सेठ । इसकी पत्नी आम्रमंजरी और पुत्री सुरमंजरी थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.314, 348 </span></p> | <p id="2">(2) राजपुर नगर का एक सेठ । इसकी पत्नी आम्रमंजरी और पुत्री सुरमंजरी थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.314, 348 </span></p> | ||
<p id="3">(3) भरतक्षेत्र के अंग देश की | <p id="3">(3) भरतक्षेत्र के अंग देश की चंपा नगरी का सेठ । इसकी स्त्री का नाम विनयवती तथा पुत्री का नाम विनयश्री थी । जंबूस्वामी इसके जामाता थे । <span class="GRef"> महापुराण 76.8,47-48 </span></p> | ||
Revision as of 16:37, 19 August 2020
(1) विदेहक्षेत्र की पुंडरीकिणी नगरी के निवासो सेठ सागरसेन की छोटी बहिन सागरसेना का पुत्र । इसकी एक बहिन थी जिसका नाम वैश्रवणदत्ता था । इसे इसी नगर के सेठ सागरसेन और देवश्री की पुत्री सागरदत्ता विवाही गयी थी । महापुराण 47. 189-199
(2) राजपुर नगर का एक सेठ । इसकी पत्नी आम्रमंजरी और पुत्री सुरमंजरी थी । महापुराण 75.314, 348
(3) भरतक्षेत्र के अंग देश की चंपा नगरी का सेठ । इसकी स्त्री का नाम विनयवती तथा पुत्री का नाम विनयश्री थी । जंबूस्वामी इसके जामाता थे । महापुराण 76.8,47-48