शिखि: Difference between revisions
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Revision as of 16:37, 19 August 2020
विश्वावसु और ज्योतिष्मती का पुत्र । श्रमण होकर इसने महा तप किया था । आयु के अंत में निदानपूर्वक मरकर यह असुरों का अधिपति चमरेंद्र हुआ । पद्मपुराण 12.55-56